राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन द्वारा साइबर अपराध पर गोष्ठी का आयोजन,
कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हुई चर्चा.
गया: राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के कार्यालय में साइबर अपराध विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से जुड़े कई लोग शामिल हुए.
वही गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में जहां तकनीक ने हमारे जीवन को सरल और सुगम बनाया है, वहीं इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. साइबर अपराध एक ऐसा ही गंभीर विषय है, जो हमारे समाज और व्यक्तिगत जीवन को गहराई से प्रभावित कर रहा है.
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इंटरनेट की बढ़ती पहुँच के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न, फेक न्यूज और पहचान की चोरी जैसे अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है. विशेषकर महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक ऐसे अपराधों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना समय की मांग है.
उन्होंने यह भी बताया कि मानवाधिकार केवल शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी व्यक्ति की निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए. डॉ. मिश्रा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक का सकारात्मक उपयोग करें और दूसरों को भी इसके खतरों से अवगत कराएं. उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया कि साइबर कानूनों को और अधिक सशक्त बनाया जाए ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके.
बाइट- डॉ. मनीष पंकज मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन.
इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध शिक्षाविद कला देवी उपस्थित हुई. वक्ताओं ने अपील किया कि साइबर अपराध पर किसी तरह का भी कॉल आता है, तो आप सीधे साइबर थाना या साइबर टोल फ्री नंबर 1930 पर सूचना दे. जिससे साइबर अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.
गोष्ठी में राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह, विजय प्रसाद उर्फ काला नाग, पूर्व जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता, संतोष ठाकुर, हीरा यादव, मृत्युंजय पांडे, प्रशांत काठस, संजय कुमार सिंह, राम प्रकाश पांडे, नूपुर वर्मा, प्रिया कुमारी, मीना कुमारी, महजबी परवीन, एस कुमारी, प्रियंका कुमारी ने भी अपना-अपना विचार रखा.
इस गोष्ठी में आए हुए अतिथियों को विष्णु चरण चिन्ह और फूलों का बुके देकर स्वागत किया गया.