श्री रामकथा के अंतिम दिन श्रीराम राज्याभिषेक की कथा सुन झूम उठे श्रोता,
अंतराष्ट्रीय कथा वाचिका पंडित गौरांगी गौरी को श्रद्धालुओं ने फिर से आने का किया आग्रह.
गया: जिले के गुरारू प्रखंड स्थित गनौरी टिल्हा गांव में विगत 10 दिनों से चल रहे श्री राम कथा में अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचिका पंडित गौरांगी गौरी जी ने श्रोताओं को भगवान श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों की कथा सुनाई. श्री रामकथा के अंतिम दिन पूज्या गौरांगी गौरी ने राम राज्याभिषेक प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम वनगमन के दौरान अपने अवतार लेने के उद्देश्यों को पूरा करते हैं. राक्षस कुल का सर्वनाश करते हैं और प्रजा को एक बेहतर सुरक्षित राज्य प्रदान करते हैं.
कथावाचिका गौरी जी आगे कहती हैं कि चित्रकूट से चलकर राम, लक्ष्मण व सीता अत्रि मुनि के आश्रम पहुंचते हैं. यहां मां अनुसुइया से सीता उत्तम नारी की शिक्षा ग्रहण करती हैं।l. ऋषि मुनियों के आश्रम से होते हुए पंचवटी में पर्णकुटी बनाकर निवास करते हैं. मामा मारीच की सहायता से रावण ने सीता का हरण किया.
मार्ग में सीता की करुण पुकार सुन उनकी रक्षा के लिये जटायु ने रावण से युद्ध किया. सीता को खोजते हुए राम जटायु के पास पहुंचते है. घायल जटायु को मोक्ष प्रदान कर आगे बढ़ते हैं. कथावाचिका ने श्रोताओं को रावण वध तक की कथा सुनाई. इसके अलावा कथावाचिका ने राम राज्याभिषेक की कथा का भी रसपान कराया. बताया कि पुष्पक विमान पर विराजमान होकर राम, लक्ष्मण व सीता अयोध्या वापस आये. प्रभु मां जानकी सहित सिंहासन पर बैठते हैं. गुरु वशिष्ठ ने प्रथम प्रभु के भाल पर अयोध्या का राज्यतिलक किया.
विश्वप्रसिद्ध गौरांगी जी आगे कहती हैं राम के जीवन और आदर्शों को आत्मसात करते हुए कथा को महज सुने नही बल्कि आत्मसात करें।l. यह हमें परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने का महत्व सिखाता है. श्री राम कथा के अंतिम दिन सब की आंखे नम दिखी. तमाम श्रद्धालुओं ने नम आंखों से पूज्या गौरांगी गौरी की विदाई दी व शीघ्र ही वापिस आ कर भक्तिरस पान कराने का आग्रह किया.
कार्यक्रम के दौरान राजमंगल सिंह व रंजीत सिंह, रविकान्त पांडे, सर्वेश कश्यप, राहुल, विवेक सिंह, शमशाद आलम इत्यादि लोग मौजूद रहें.