दूसरे की मर्यादा को सुरक्षित रखेंगे तभी आपकी मर्यादा सुरक्षित रहेगी: पूज्या गौरांगी गौरी जी,
श्रीराम कथा के आठवें दिन भी जुटे हजारों श्रद्धालु.
गया: जिले के गुरारू प्रखंड स्थित गनौरी टिल्हा गांव में चल रहे श्री राम कथा के आठवें दिन राम वनवास व केवट संवाद सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे. जहां श्री रामकथा की शुरुआत श्री राम स्तुति से हुई. अंतराष्ट्रीय कथा वाचिका पूज्या गौरांगी गौरी जी ने स्तुती के बाद राम वनवास व राम केवट संवाद कथा का मनोहारी व्याख्या किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि जब आप दूसरे की मर्यादा को सुरक्षित रखेंगे तभी आपकी मर्यादा सुरक्षित रह सकेगी. भगवान राम 14 वर्ष वनवास के लिए सीता और लक्ष्मण के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और केवट से गंगा पार करने के लिए नाव मांगा तो केवट ने कहा, मैं तुम्हारे मर्म जान लिया हूं, चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है. पहले पांव धुलवाओ फिर नाव पर चढ़ाऊंगा.
कथा व्यास गौरांगी गौरी ने कहा कि जिससे पूरी दुनिया मांगती है, आज गंगा पार जाने के लिए दूसरे से मदद मांग रहे हैं, जो सारे सृष्टि को तीन पग में नाप सकता है, क्या वह पैदल गंगा नहीं पार कर सकता ? भगवान दूसरों की मर्यादा को समझते हैं, वैसे ही घाट की एक मर्यादा होती है. भगवान केवट के पास इसलिए आए कि वह हम लोगों से कहना चाहते हैं, कि हम लोग बहुत बड़े-बड़े लोगों के दरवाजे पर उनके सुख-दुख में जाते रहते हैं. भगवान कहना चाहते हैं कि हमें कभी छोटे लोगों के यहां भी जाना चाहिए. राम केवट कथा सुनने से हमें यह सीख लेनी चाहिए. कथा को भाव व प्रेम से सुनने वाले ही ज्ञान प्राप्त करते हैं. रामायण का मुख्य रस करुण वास्तव में हृदय में करुणा आ जाए तो वीरता और पराक्रम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
कथा के दौरान पूज्या गौरांगी गौरी जी ने कहा भगवान राम के जीवन और आदर्शों को आत्मसात करते हुए कथा को महज सुने नही बल्कि आत्मसात करें. यह हमें परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने का महत्व सिखाता है.
कार्यक्रम का आयोजन आगामी 31 मई तक किया जाएगा. कार्यक्रम का आयोजन राजमंगल सिंह व रंजीत सिंह के मार्गदर्शन में किया जा रहा है.